The encounter continues:
(दिनीं आदमी ऊपर जाते हैं.शंकर एक दरवाज़ा खलता ह)ै
शंकर: इए जी .
राजू: यह कमरा साफ़ नहीं है.
शंकर:बहुत अच्छा साहब ,मई कमरा अभी सर करवाता हूँ.
राजू: क्या यह पुरानना पंखा कम करता है?
शंकर: जी हाँ, पंखा कम करते है. बहुत अच्छा पंखा है. आजकल ऐसे पंखे नहीं मिलते है.
राजू: चालू करो.
शंकर:बहुत अच्छा साहब.
(शकर स्विक को ऍम करता है लेकिन पंखा घूमता ननहीं .)
राजू :पंखा घूमता नहीं.
शंकर :जी हाँ, क्यिकी लिए नहीं है.---बिजली नहीं है.
राजू:तुम्हारा नाम क्या है?
शंकर : जी ,मुझको शंकर कहते हैं. औं आपके शु भ नाम?
राजू: मेरे नाम शर्मा है. श्री राज्कुको आपके बहुत पसंद है.
राजू: शंकरम तुम बहुत अच्छा म्बहुत कहते हो,लेकिन यह कमरा बहुत अच्छा नहीं है,मुजको पसंद नहींहै..कोई दूसरा कमरा दिखाओ.
शंकर;बहुत अच्छा शर्मा जी,एयर.